और भई क्या हाल-चाल......सुबह का वक्त है और खिड़की के
बाहर बच्चे बैग टाँगे sachool को चल दिए हैं...हम भी जाते थे
स्कूल...या यूँ कहे की भेजे जाते थे, अगर असली बात पर आये
तो धकेले जाते थे....हम हर सुबह सोचते क्या आज प्रलय नहीं
आ सकती....उन दिनों इंडिया टीवी न्यूज़ वाले नहीं थे...जो आज
कल दुसरे-तीसरे आने वाली तबाही के बारे में हमें आगाह करके
अपने कर्त्तव्य का पालन करके असीम आनंद को प्राप्त होते हैं.
फिर चाहे हम असहाय निर्बल जनता उन प्रलय की ख़बरें सुन-सुन
के स्वयम ही प्रलय लाने को विवश हो जाये.....ख़ैर अच्छी ख़बरें और
अच्छे रिश्ते समय बीतने के बाद और काम हो जाने के बाद ही
मिलते हैं...[शादी के बाद]....तो भैय्या, मन मार के जेल की ड्रेस पहन के
झोला उठा के ....टिफिन ले के कर जाना ही पड़ता था...ड्रेस पहनते वक्त
दिमाग सुपर कंप्यूटर की स्पीड से चलता की कही कोई अघोषित छुट्टी
की खबर याद आ जाये, किसी teacher की मौत या उसके किसी रिश्तेदार
की, या किसी बीमारी की...छींक की ही खबर आ जाये.....मगर गांडीव के सारे
प्रयास विफल जाते...अर्जुन का इक भी तीर निशाने पर न लग के खाली
वापस आ जाता .....
इक दिन गमगीन हो बस्ता उठाये घर से निकले तो नज़र
हमारे प्रिय पिल्ले पर गयी...वो बड़ा उछल रहा था मानों अपनी आज़ादी
का जश्न मन रहा हो और हमे चिढ़ा रहा हो...हमने भी सोचा की बच्चू
आज तुम्हे स्कूल की सैर करा ही दें, गोद में उठाये पहुँच गए क्लास में...
पीछे सीट के नीचे उसे बिठा दिया गया..physics की क्लास थी...सर जी
ने याद करके आने को बोला था....बस जैसे ही उनके मुह से सवाल निकलते
प्रिय पिल्ले को इक लात पड़ती....और बड़ी ही मार्मिक कायं-कायं
का स्वर गूंज उठता...फिर शांत हो माहौल जैसे ही सर जी दूसरा सवाल
दागते हम पिल्ले की स्वरलहरियां फिर गुंजाते...बस थक हार के सर जी
क्लास से बाहर हो लिए और उस दिन physics के बमबारी से बच गए...
और हमारे प्रिय पिल्ले ने जो कुर्बानी दी...उसने हमारी आखों में पानी
ला दिया......
Sunday, April 25, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
acchhi rachna
ReplyDeleteसुन्दर शब्दों की बेहतरीन शैली
ReplyDeleteभावाव्यक्ति का अनूठा अन्दाज
बेहतरीन एवं प्रशंसनीय प्रस्तुति
हिन्दी को ऐसे ही सृजन की उम्मीद
धन्यवाद....साधुवाद..साधुवाद
satguru-satykikhoj.blogspot.com
आप अपने ब्लाग की सेटिंग मे(कमेंट ) शब्द पुष्टिकरण
ReplyDeleteword veryfication पर नो no पर
टिक लगाकर सेटिंग को सेव कर दें .टिप्प्णी
देने में झन्झट होता है अगर न समझ पायें
तो rajeevkumar230969@yahoo.com
पर मेल कर देना .
satguru-satykikhoj.blogspot.com