Monday, March 29, 2010

... कौन है चारू ?

     
   आज मैं आप सबको किसी से मिलवाना चाहती हूँ.आप सब बड़े समझदार हैं,
इतने से ही समझ गए होंगे की मैं किसकी बात कर रही हूँ,'' चारू '' यानी की
अपनी.शायद आपसे मिलवाते मिलवाते मैं भी उससे मिल लूँ.आप सोचेंगे
जिससे मैं ही नहीं मिली उससे कैसे मिल्वाउंगी, मगर जी ये जो जिन्दगी है न
इसके सफ़र में ऐसा ही होता है. जब से आँखें खुली तब से उसे जाना. इस दुनिया
में आने का सफ़र भी आसान नहीं था....जब आई तो बड़ी प्यासी थी...कुछ गंभीर
होने का भी खतरा था...अरे, ये तो बताना भूल ही गयी की मैंने पहली बार आँखे
खोली कहाँ...बनारस...भारत  की एक पवित्र धार्मिक नगरी...आस्था, विश्वास
और धर्म का अनूठा संगम. खैर, बनारस के विषय में फिर कभी चर्चा होगी.
हॉस्पिटल का नाम तो मुझे नहीं पता.. मगर वो दिन बड़ा ख़ास था.
नवरात्र चल रहे थे...और वह अष्टमी का दिन था..३० सितम्बर  को दिन के
२:४५ बजे...डॉक्टर ने मेरी माँ से कहा मैं लंच कर के आती हूँ....मेरे आने में
थोडा समय था...उस दिन उस हॉस्पिटल में सुबह से जितनी भी dilivery  हुई
सब लडकियाँ थी...डॉक्टर ने सुबह से कुछ नहीं खाया था...मगर मुझे तो जाने
कौन सी शैतानी सूझी थी की जिद पे आ गयी की बस अभी ही आना है,
मेरी माँ ने डॉक्टर का आँचल पीछे से पकड़ा और इशारा किया की मत जाओ..
मेरी शैतान इस दुनिया में आने को मचल रही है...डॉक्टर को अपना लंच छोड़ना
पड़ा..और मेरी सेवा में लगना पड़ा..कुछ दी देर में मैंने चीख-चीख के सबको
अपने आने की खबर दे दी...हाँ तो मैंने पहले बताया था जब आई तो बड़ी
प्यासी थी....मुझे ड्रॉप से पानी पिलाया गया...मैं थी की पिए जा रही थी,पिए जा
रही थी...मैं उस दिन की आठवी बच्ची थी...डॉक्टर समेत सबने कहा दुर्गा माँ
आई हैं...मेरे माथे पैर हलके हलके बालों की एक भवर सी बनी थी...जो गोल चक्र
जैसा आभास देती थी...डॉक्टर ने कहा ये मेरे हाथों पैदा हुई सबसे सुन्दर बच्ची
है...मगर दो दिन तक मुझे close observation में रखा गया....शायद कुछ
होने का खतरा था...मगर मैंने वो दो दिन की लड़ाई जीत ली और स्वस्थ अपने
घर आ गयी....तो आते ही संघर्ष शुरू हो गया....मगर आते ही बस लोगों की
तारीफों और स्नेह  के फूल बरसने लग गए.......बस तब से कुछ ऐसे ही जिन्दगी
चली है ....संघर्ष, स्नेह और प्रशंषा के साथ....अब तो आपका और मेरा सफ़र भी
शुरू हो चला है.....अब तो मुलाकात होती रहेगी...आज बस इतना ही....
चलती हूँ...
अपना ख्याल रखियेगा...